5 Simple Statements About hanuman chalisa lyrics english Explained
5 Simple Statements About hanuman chalisa lyrics english Explained
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गेस्ट पोस्ट अयोध्या में घूमने के लिए सर्वोत्तम स्थान
Putting the ring of Rama in the mouth, you jumped and flew in excess of Ocean to Lanka, there's no shock in that.
हां, हनुमान चालीसा कई भाषाओं में उपलब्ध है, जैसे कि हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, और अन्य, ताकि भक्तों की विभिन्न भाषाओं की पसंदों का समर्थन किया जा सके।
পবন নন্দন সংকট হরন মঙ্গল মূর্তি রূপ। শ্রী রাম লক্ষণ জনপ্রিয় একজন তুমি হৃদয়ের ভূপ।।
sugamaSugamaEasy anugrahaAnugrahaGrace tumhareTumhareYour teteTeteThat Indicating: Every hard undertaking on this planet becomes straightforward by your grace.
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Vibhishana recognized your preachings and have become the king of Lanka, as is thought to The complete world. You leaped to the Solar, 1000s of miles away, thinking it being a sweet red fruit.
व्याख्या– ‘पिताँ दीन्ह मोहि कानन राजू‘ के अनुसार श्री रामचन्द्र जी वन के राजा हैं और मुनिवेश में हैं। वन में श्री हनुमान जी ही राम के निकटतम अनुचर हैं। इस कारण समस्त कार्यों को सुन्दर ढंग से सम्पादन करने का श्रेय उन्हीं को है।
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Prior to deciding to complain, or give strategies, be ready to do a thing in variety or other, Along with supplying the suggestion and Possibly a method that you should tackle that responsibility :-).
He whoever reads these verses on Hanuman, he can get spiritual attainments, Lord Shiva would be the witness to this assertion.
व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार आप द्रोणाचल पर्वत पर गये, अनेक व्यवधानों एवं कष्टों के बाद भी समय के भीतर ही संजीवनी बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। विशेष स्नेह और प्रसन्नता के कारण ही किसी को हृदय से लगाया जाता है। अंश की पूर्ण परिणति अंशी से मिलने पर ही होती है, जिसे श्री हनुमन्तलाल जी ने चरितार्थ किया।
भावार्थ – माता जानकी ने आपको वरदान दिया है here कि आप आठों प्रकार की सिद्धियाँ (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) और नवों प्रकार की निधियाँ (पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुन्द, कुन्द, नील, खर्व) प्रदान करने में समर्थ होंगे।
भावार्थ – हे हनुमान जी ! यदि कोई मन, कर्म और वाणीद्वारा आपका (सच्चे हृदय से) ध्यान करे तो निश्चय ही आप उसे सारे संकटों से छुटकारा दिला देते हैं।